कल जब मैं एक तबेले के निकट से गुजर रहा था, तो दो बैलों को आपस में बातें करते सुना। दोनों चिंतित दिख रहे थे और काफी गंभीर मुद्दे पर बात कर रहे थे। पहला बैल बोला- यार सरकार ने एक बार फिर पेट्रोल की कीमतें बढ़ा दी हैं। दूसरे बैल ने कहा- तो इसमें तुम्हें चिंतित होने की क्या जरूरत है, जो लोग पेट्रोल का इस्तेमाल करते हैं उन्हें इसके बारे में सोचने दो। तब पहले बैल ने कहा- अब मैं क्या बताऊं? पेट्रोल का मूल्य बढऩे का असर सीधे-सीधे हमलोगों के स्वास्थ पर पडऩे वाला है।
दूसरा- वो कैसे?
पहला- अरे यार, अब लोग कार-मोटरसाइकिल तो चला नहीं पाएंगे। तो उन्हें वापस अपनी बैलगाड़ी निकालनी पड़ेगी। और बैलगाड़ी में जोतेंगे तो हमें ही।
दूसरा- भाई, ठीक कहा तुमने। ये तो सचमुच काफी गंभीर विषय है। अच्छा, अब हमें क्या करना चाहिए।
पहला- कुछ नहीं, भगवान से प्रार्थना करो कि सरकार को सुबुद्धि आए और वह पेट्रो पदार्थों की कीमतें नियंत्रित करें। तभी महंगाई पर भी रोक लगेगी और हमें भी राहत मिल जाएगी।
रविवार, 16 जनवरी 2011
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें