मौत को आज मैंने जाना है,
और जीवन को भी पहचाना है।
ज़िन्दगी है अगर कोई संगीत,
तो मौत मस्ती भरा तराना है।
ज़िन्दगी दर्द का समुन्दर है,
तो मौत खुशिओं भरा खजाना है।
मौत ही मंजिले मुसाफिर है,
पर ज़िन्दगी का भी गम उठाना है।
जाने क्यूँ मौत से हम डरते हैं,
ये तो कुदरत का एक नजराना है।
गुरुवार, 18 दिसंबर 2008
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